
नई दिल्ली : 7 टेलीकॉम उपभोक्ताओं के लिए आने वाले समय में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं और महंगी हो सकती हैं। टेलीकॉम कंपनियां जल्द ही टैरिफ दरों में दोबारा बढ़ोतरी कर सकती हैं। इसकी मुख्य वजहें लगातार बढ़ती परिचालन लागत, 5 प्रतिशत नेटवर्क विस्तार और स्पेक्ट्रम भुगतान हैं। 5 प्रतिशत नेटवर्क का विस्तार – दूरसंचार कंपनियां 5 प्रतिशत सेवाओं के रोलआउट में भारी निवेश कर रही हैं, जिससे उनकी लागत बढ़ रही है। स्पेक्ट्रम शुल्क और लाइसेंस फीस – सरकार को दिए जाने वाले शुल्क और अन्य देनदारियों के कारण कंपनियों पर वित्तीय दबाव बना हुआ है। एआरपीयू बढ़ाने का लक्ष्य -कंपनियां प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व बढ़ाने के लिए टैरिफ में बढ़ोतरी कर सकती हैं। महंगाई और वैश्विक आर्थिक प्रभाव -परिचालन खर्च बढऩे से भी दरों में इजाफा किया जा सकता है।अगर टैरिफ बढ़ता है, तो मोबाइल रिचार्ज, ब्रॉडबैंड और पोस्टपेड प्लान महंगे हो सकते हैं। इससे उपभोक्ताओं को अधिक खर्च करना पड़ेगा, खासकर उन लोगों के लिए मुश्किल बढ़ सकती है, जो किफायती प्लान्स पर निर्भर हैं। क्या कहते हैं विशेषज्ञ टेलीकॉम इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि भविष्य में कंपनियां टैरिफ बढ़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं छोड़ेंगी। हालांकि, वे यह भी मानते हैं कि बढ़ी हुई कीमतों के बावजूद डिजिटल सेवाओं की मांग बनी रहेगी। टेलीकॉम इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि भविष्य में कंपनियां टैरिफ बढ़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं छोड़ेंगी। हालांकि, वे यह भी मानते हैं कि बढ़ी हुई कीमतों के बावजूद डिजिटल सेवाओं की मांग बनी रहेगी।
