14 अप्रैल से फिर बजेगी शहनाइयां, विवाह के लिए बन रहे हैं शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में इस समय को बेहद खास और महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि खरमास सूर्य उपासना के लिए शुभ है। परंतु इस अवधि को शुभ मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब भी सूर्यदेव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास लगता है। यह समय पूरे साल में दो बार आता है, जो एक माह तक बना रहता है.दरअसल, सूर्य देव गुरु बृहस्पति के घर जाते ही अपने तेज को कम कर लेते हैं, इसलिए खरमास में सूर्य की स्थिति कमजोर हो जाती है। सूर्य की स्थिति कमजोर होने के कारण घरों में शादी-विवाह, खरीदारी, सगाई, मुंडन, यात्राएं व जनेऊ जैसे कार्यों को करने की मनाही होती हैं। ऐसे में 13 अप्रैल को खरमास समाप्त हो रहा है। इसके समापन के बाद 14 अप्रैल से विवाह के कई शुभ योग बन रहे हैं, जो शादी-विवाह के लिए उत्तम है।

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